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आईएसएम में तीन दिवसीय दीक्षारंभ-2024 का समापन समारोह

आईएसएम पटना (11 सितंबर 2024)- प्रदेश के एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान, इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (आईएसएम), पटना में बुधवार, 11 सितंबर को पीजीडीएम, बीबीए, बीसीए, बीसीपी और बीए (जेएमसी) के प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए आयोजित तीन दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम, दीक्षारंभ-2024 संपन्न हुआ।  इस समापन समारोह का आयोजन बीसीए स्टूडेंट्स के लिए आयोजित किया गया।

इस समारोह की शुरुआत आई.पी.आर. सेल के चेयरपर्सन, कार्यक्रम समन्वयक, संस्थान के नोडल हेड और कंप्यूटर एप्लिकेशन के विभागाध्यक्ष, श्री राजेश्वर दयाल द्वारा प्रस्तुत स्वागत संदेश और आईएसएम पटना के परिचय से हुई। उन्होंने परम्परागत सैद्धांतिक शिक्षण के साथ-साथ उद्योग अनुभवाश्रित प्रायोगिक शिक्षण पद्धति को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। साथ ही कंप्यूटर एप्लीकेशन्स पर आधारित कॉर्पोरेट जगत के मांग के अनुरूप संस्थान में चलाए जा रहे कई वैल्यू बेस्ड सर्टिफिकेट कोर्स जैसे-मोबाइल सॉफ्टवेर, रोबोटिक्स, आईओटी इत्यादि का भी जिक्र किया।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि वक्ताओं के रूप में, श्री पंकज कुमार, वरिष्ठ निदेशक, एनआईसी, और श्री नरेंद्र कुमार, वैज्ञानिक-ई / निदेशक (आईटी), उप महाप्रबंधक एनआईसीएसआई (एनआईसी के तहत भारत सरकार का उपक्रम) शामिल हुए। उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों से महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारियां एवं लम्बे अनुभव साझा किये, जिससे नए विद्यार्थियों को अपनी शैक्षणिक तथा तकनीकी पेशेवर यात्रा में ऊंचाइयों को छूने की प्रेरणा मिली।

संस्थान के निदेशक, डॉ. विजय बहादुर सिंह ने अतिथियों का अभिनंदन किया और नए बैच को आईएसएम परिवार का हिस्सा बनने पर हार्दिक बधाई दी। अपने संबोधन में, डॉ. सिंह ने समकालीन शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति आईएसएम की प्रतिबद्धता, कॉर्पोरेट जगत की आवश्यकताओं को पूरा करने वाली एक मिश्रित पारंपरिक एवं उत्तर-आधुनिक तकनीकी शिक्षण पद्धति, विभिन्न क्लब गतिविधियों से ऊर्जान्वित परिसर और आरामदायक आधुनिक छात्रावास पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों के व्यक्तित्व के समग्र विकास हेतु ईमानदारी, अखंडता तथा शरीर एवं मन  को अनुशासित करने पर जोर दिया, साथ ही उन्होंने कहा कि पर्सनल एवं प्रोफेशनल जीवन में भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में अनुशासन के इन मौलिक तत्वों का अभ्यास करना स्टूडेंट्स के लिए अनिवार्य होता है जिसके लिए संस्थान की शिक्षण पद्धति प्रतिबद्ध है।

इस सत्र की एक प्रमुख विशेषता ‘रोजगार कौशल के माध्यम से कॉर्पोरेट अपेक्षाओं की पूर्ति' विषय पर आयोजित एक पैनल परिचर्चा थी। उद्योग विशेषज्ञों तथा शिक्षाविदों ने कंप्यूटर विज्ञान के उभरते क्षेत्रों, कॉर्पोरेट क्षेत्र में उनके अनुप्रयोगों और तदनुरूप आवश्यक कौशल विकास करने के कई आयामों पर अपने-अपने विचार अभिव्यक्त किए। इस परिचर्चा से स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप करने तथा अपनी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कई उपयोगी अंतर्दृष्टि प्राप्त हुईं।

अगले सत्र में कंप्यूटर एप्लीकेशन विभाग के संकाय सदस्य तथा लैब निर्देशकों ने अपना परिचय दिया और साथ ही उन्होंने आगे की शैक्षणिक यात्रा की रूपरेखा बताते हुए छात्रों को अपने-अपने विषयों के प्रति प्रेरित किया। अनुशासन समिति के चेयरमैन के रूप में श्री राजेश्वर दयाल ने संस्थान के अनुशासन एवं अखंडता के मूल्यों पर जोर देते हुए इसके आचार संहिता और छात्रों के व्यक्तित्व संवर्धन में इसकी भूमिका के बारे में विस्तार से बताया।

ओरिएंटेशन कार्यक्रम का तीसरा सत्र ई-वेस्ट प्रबंधन पर आधारित एक गहन जागरूकता वार्ता के साथ संपन्न हुआ। इस सत्र में करो-संभव, प्राइवेट लिमिटेड, पटना के वरिष्ठ विशेषज्ञ, श्री अभिषेक कुमार ने अपनी इंटरैक्टिव प्रस्तुतियों के माध्यम से कंप्यूटर एप्लीकेशन्स के प्रतिभागियों को इलेक्ट्रॉनिक कचरे को जिम्मेदारी से प्रबंधित करने के महत्व तथा तरीकों पर मार्गदर्शन किया।