आईएसएम पटना (7 सितंबर 2022): अनुसंधान एवं विकास पर आधारित प्रेरक मूल्य-शिक्षा प्रदान करने वाली एक उत्कृष्ट संस्थान, इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट पटना, ने बुधवार, 7 सितंबर 2022 को केवल बीसीए एवं बीजेएमसी छात्रों के लिए "दीक्षारंभ" 2022 का दूसरा दिन मनाया। ज्ञात हो कि इससे पहले मंगलवार 6 सितम्बर को पीजीडीएम, बीबीए और बी कॉम प्रोफेशनल के लिए दीक्षारंभ का पहला उदघाटन समारोह आयोजित किया गया था, जिसके मुख्य अतिथि, कला, युवा और संस्कृति विभाग, बिहार सरकार के माननीय मंत्री श्री जितेंद्र कुमार राय जी थे।
दुसरे दिन कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में कृषि विभाग, बिहार सरकार के माननीय मंत्री श्री सुधाकर सिंह उपस्थित थे। आईएसएम पटना के निदेशक, प्रोफेसर, डॉ आर के सिंह, डोमेन लीडर और अन्य संकाय सदस्य भी उपस्थित थे। निदेशक महोदय ने मुख्य अतिथि का स्वागत व अभिनंदन किया। इसमें 250 से अधिक बीसीए और बीजेएमसी के नए छात्रों ने भाग लिया। छात्रों के साथ उनके अभिभावक भी इस कार्यक्रम में शरीक हुए। वहीं, दीक्षारंभ कार्यक्रम के पहले दिन के लगभग 400 पीजीडीएम, बीबीए और बीकॉम प्रतिभागियों को मार्केटिंग के डोमेन लीडर, सहायक प्रोफेसर, श्री नयन रंजन सिन्हा, एचआर के डोमेन लीडर सहायक प्रोफेसर, श्रीमती पूजा दुबे और सुश्री सुष्मिता सोनी के मार्गदर्शन में बिहार संग्रहालय के भ्रमण पर ले जाया गया।
आईएसएम में प्रवेश पाने पर छात्रों को बधाई देते हुए माननीय मंत्री ने कहा, "प्रिय छात्रों, आप भाग्यशाली हैं कि आप अपने स्नातक की पढ़ाई, भारत के प्रख्यात अर्थशास्त्री, प्रोफेसर, डॉ आर के सिंह सर, और उनके विभिन्न डोमेन के विशेषज्ञ संकाय सदस्यों के मार्गदर्शन में शुरू करने जा रहे हैं। मुझे व्यक्तिगत रूप से विश्वास है कि इस तरह के शिक्षण मंदिर में आपके माता-पिता के सपने निश्चित रूप से पूरे होंगे चुकी यहां आपको समर्पित संकाय सदस्यों की सहायता और कॉर्पोरेट जगत के उनके लंबे अनुभवों से लाभ मिलने जा रहे हैं।” संस्थान के माहौल की सराहना करते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इसे शीघ्र ही विक्रमशिला विश्वविद्यालय में बदलने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
अभिभावकों को आश्वस्त करते हुए संस्थान के निदेशक ने कहा, "अब आपके बच्चे आईएसएम की पूरी टीम की निगरानी में हैं, उन्हें भारत का आत्म-अनुशासित और आत्मनिर्भर नागरिक बनाना हमारी जिम्मेदारी है।" अकादमिक उत्कृष्टता की दिशा में उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, “आईएसएम प्रांत का पहला निजी बिजनेस स्कूल है, जो छात्रों को उनके शैक्षणिक कैलेंडर के पहले सेमेस्टर से एनसीसी यूनिट प्रदान करता है। व्यक्तित्व के समग्र विकास में परिमार्जन हेतु संस्थान परिसर में मौजूद 20 से अधिक समितियों, क्लबों और प्रकोष्ठों को तत्परता से चलाता रहा है। प्लेसमेंट के समय अपेक्षित ग्त्यात्मक व्यक्तित्व परीक्षण के लिए आयोजित साक्षात्कार और ग्रुप डिस्कशन के लिए वित्त, विपणन, मानव संसाधन और आईटी के डोमेन लीडर हर साल संबंधित कॉन्क्लेव आयोजित करते हैं। सांस्कृतिक और रंगमंच समिति इन नई पीढ़ी के युवाओं को भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक परंपराओं से जोड़ने के लिए समर्पित है। राष्ट्र को सुसंस्कृत, सुशिष्ट तथा संपन्न युवा प्रदान करने हेतु हम कृतसंकल्पित हैं । हमारे प्रयासों के परिणाम को सालाना गुणात्मक प्लेसमेंट की वृद्धि दर से मापा जा सकता है।"
इस कार्यक्रम के पोस्ट लंच सत्र में अनुभवी डोमेन लीडर्स और फैकल्टी सदस्यों ने छात्रों के साथ संबंधित उद्योग मानदंडों पर बहुमूल्य जानकारी साझा की। उन्हें अकादमिक और औद्योगिक हित दोनों पर प्रत्येक कार्यक्रम के बहुआयामी पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई। संस्थान के क्लब प्रमुखों द्वारा छात्रों के बीच कई गतिविधियों का संचालन किया गया। प्रतिभागियों को सूचित करते हुए डोमेन लीडर्स ने कहा, “दीक्षारम्भ के दो दिवसीय उद्घाटन सत्र की समाप्ति के बाद, उन्हें अगले दो दिनों में कई कॉर्पोरेट विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने का अवसर प्रदान किया जाएगा ताकि वे वास्तविक दुनिया के परिदृश्य में सिद्धांतों एवं व्यवहारों को जोड़ने का तरीका सीख सकें।"
कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम के मॉडरेटर, वित्त की डोमेन लीडर, सहायक प्रोफेसर, श्रीमती शिल्पी कविता द्वारा प्रस्तुत सौहार्दपूर्ण स्वागत भाषण से हुई। आखिरकार, दीक्षारम्भ के उद्घाटन सत्र का दूसरा दिन सहायक प्रोफेसर, श्रीमती श्वेता रॉय द्वारा प्रस्तावित धन्यवाद प्रस्ताव के साथ संपन्न हुआ।